कैसा ये जूनून है?
कैसा मजमून है ?
खून आज मांगता क्यों खून है?
बता , हाँ बता ?
दौड़ता रगों मे जो,
बह रहा है आज क्यों?
तप रही है चाँदनी,
बदला है मिजाज़ क्यों?
ज़िन्दगी हुई है नासाज़ क्यों?
बता , हाँ बता ?
राम को पुकारता
रहीम को है मारता
रहीम को पुकारता
वो राम को है मारता
नफरतों से क्यों नही उबारता?
बता , हाँ बता ?
बहता भी लाल है
गिरता भी लाल है
मारता भी लाल है
मरता भी लाल है
तो लाल क्यों बेहाल है बता?
बता , हाँ बता ?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें